मिशन कर्मयोगी
लोकसभा में पूछे गए सवाल (प्रश्न संख्या 356):
श्री दिनेशभाई मकवाना, श्री सुरेश कुमार कश्यप और श्री मुकेश कुमार चंद्रकांत दलाल ने लोकसभा में कर्मयोगी प्लेटफॉर्म प्रशिक्षण से संबंधित निम्नलिखित प्रश्न पूछे:
प्रधानमंत्री से निवेदन है कि वे कृपया बताएं:
(a) मिशन कर्मयोगी और सिविल सेवकों के लिए “नियम से भूमिका” की ओर बदलाव का राज्यवार विवरण, विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश और शिमला में क्या है?
(b) क्या मिशन कर्मयोगी ने प्रशासन में नई संस्कृति के विकास में योगदान दिया है?
(c) यदि हां, तो इसका विवरण क्या है?
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिए गए उत्तर:
iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म: सरकारी अधिकारियों के भविष्य को संवारते हुए
(a):
सरकारी अधिकारियों की क्षमता निर्माण “मिशन कर्मयोगी” के तहत उनके दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान को भूमिका आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाने पर केंद्रित है। यह प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को नियम-आधारित, आपूर्ति-प्रेरित से भूमिका-आधारित, मांग-प्रेरित क्षमता निर्माण की ओर स्थानांतरित कर रहा है। इसमें प्रत्येक सरकारी भूमिका के लिए आवश्यक दक्षताओं और प्रत्येक अधिकारी की आकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण:
46 लाख से अधिक उपयोगकर्ता पंजीकृत हैं, जिनमें से 10.4 लाख उपयोगकर्ता सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं। - हिमाचल प्रदेश का योगदान:
168 उपयोगकर्ता पंजीकृत हैं, और 286 पाठ्यक्रमों की पूर्ति की जा चुकी है।
(b):
दक्षता-आधारित क्षमता निर्माण के माध्यम से, मिशन कर्मयोगी ने नागरिक-केंद्रित शासन की एक नई संस्कृति की शुरुआत की है।
(c):
iGOT (iGOT Karmayogi )पोर्टल पर कुल 1500+ पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जो सिविल सेवकों के व्यवहारिक, कार्यात्मक और क्षेत्रीय दक्षताओं का निर्माण कर रहे हैं।
- इन पाठ्यक्रमों में विशेष ध्यान नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण और सरकारी कर्मचारियों की भविष्य की तैयारी पर दिया गया है।