8वें केंद्रीय वेतन आयोग की जरूरत: सरकार से तुरंत अनुरोध
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन संशोधन की बहुत जरूरत है। श्री शिव गोपाल मिश्रा, जो जेसीएम (स्टाफ साइड) के सचिव हैं, उन्होंने भारत सरकार से 8वें वेतन आयोग के तुरंत गठन का अनुरोध किया है। यह मांग देशभर में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की उम्मीदों को दर्शाती है।
क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग?
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं। परंपरा के अनुसार, वेतन संशोधन हर 10 साल में किया जाता है। इसका मतलब है कि अगला संशोधन 1 जनवरी 2026 से लागू होना चाहिए। इसे समय पर लागू करने के लिए सरकार को अभी से कदम उठाने की जरूरत है।
- 7वें वेतन आयोग का गठन इसकी प्रभावी तिथि से दो साल पहले हुआ था।
- अब जबकि केवल एक साल बचा है, देरी होने से वेतन और पेंशन में समय पर संशोधन नहीं हो पाएगा।
देरी से बढ़ रही चिंता
जेसीएम स्टाफ साइड की ओर से कई अनुरोध किए गए हैं। इसके बावजूद सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं आया है। यह देरी कर्मचारियों के बीच न्याय और प्रशासनिक कुशलता पर सवाल खड़े करती है।
वेतन आयोगों के काम करने का समयसीमा
वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें तैयार करने में आमतौर पर दो साल लगते हैं। इस दौरान ये प्रक्रिया शामिल होती है:
- डेटा संग्रह: विभिन्न विभागों से जानकारी जुटाना।
- हितधारकों से विचार-विमर्श: कर्मचारियों और संबंधित पक्षों की राय लेना।
- रिपोर्ट तैयार करना: विस्तृत सिफारिशें बनाना।
इसके बाद सरकार को इसे लागू करने के लिए 3-6 महीने की अतिरिक्त समय की जरूरत होती है।
समय पर और न्यायसंगत वेतन संशोधन का महत्व
अगर 8वें वेतन आयोग का गठन समय पर नहीं हुआ, तो यह कई समस्याएं पैदा कर सकता है:
- वित्तीय अनिश्चितता: कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आर्थिक दिक्कतें हो सकती हैं।
- लॉजिस्टिकल समस्याएं: सरकार के लिए इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा।
कैबिनेट सचिव को स्टाफ साइड जेसीएम की चिट्ठी
श्री शिव गोपाल मिश्रा, जो जेसीएम (स्टाफ साइड, नेशनल काउंसिल) के सचिव हैं, उन्होंने कैबिनेट सचिव को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की मांग की है।
इस पत्र में उन्होंने बताया कि 7वें वेतन आयोग के लागू हुए 9 साल हो चुके हैं। अगला वेतन और पेंशन संशोधन 1 जनवरी 2026 को होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि 1986 से हर 10 साल में वेतन संशोधन की परंपरा रही है।
पत्र का मुख्य अंश:
“पिछले वेतन आयोग, जैसे 7वें वेतन आयोग, को समय पर गठित किया गया था। इससे रिपोर्ट तैयार करने और लागू करने के लिए पर्याप्त समय मिला। अब, जबकि केवल एक साल बचा है, 8वें वेतन आयोग के गठन में देरी से इसकी सिफारिशों को समय पर लागू करना मुश्किल हो सकता है।”
श्री मिश्रा ने कैबिनेट सचिव से यह अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के सामने रखें।
तुरंत कार्रवाई की जरूरत
8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन और इसके लिए आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाने चाहिए। यह न केवल वित्तीय न्याय का मामला है, बल्कि प्रशासनिक जिम्मेदारी भी है। समय पर वेतन संशोधन सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की नजरें अब सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।