क्या केंद्रीय विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषाएँ पढ़ाई जा सकती हैं? केंद्रीय विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषा पढ़ाने पर लोकसभा में उठे सवाल!

क्या केंद्रीय विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषाएँ पढ़ाई जा सकती हैं? केंद्रीय विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषा पढ़ाने पर लोकसभा में उठे सवाल!

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क्या केंद्रीय विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषाएं पढ़ाई जा सकती हैं?

केंद्रीय विद्यालय शिक्षा संहिता, अनुच्छेद 112 के अनुसार, केंद्रीय विद्यालय शिक्षा संहिता (Education Code for Kendriya Vidyalayas) में यह प्रावधान है कि “यदि 15 या उससे अधिक छात्र किसी क्षेत्रीय भाषा/मातृभाषा को चुनने के इच्छुक हैं, तो उसे पढ़ाने की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी।” इस व्यवस्था के तहत स्थानीय/क्षेत्रीय भाषाएं, जिनमें मराठी भी शामिल है, पढ़ाने के लिए अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है, बशर्ते छात्रों की मांग और संख्या पर्याप्त हो।


केंद्रीय विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषा पढ़ाने पर लोकसभा में उठे सवाल

श्री अनिल यशवंत देसाई ने लोकसभा में केंद्रीय विद्यालयों में स्थानीय भाषाओं को पढ़ाने के संबंध में निम्नलिखित प्रश्न उठाए:

  1. क्या प्रत्येक राज्य के केंद्रीय विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषाओं को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाता है?
  2. क्या महाराष्ट्र के केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक मराठी भाषा पढ़ाई जा रही है? यदि हां, तो इसका विवरण दें, और यदि नहीं, तो इसके कारण क्या हैं?
  3. क्या देश के किसी अन्य केंद्रीय विद्यालय में स्थानीय/क्षेत्रीय भाषा के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाएं पढ़ाई जा रही हैं? यदि हां, तो इसका विवरण दें।

मंत्री द्वारा जवाब

केंद्रीय विद्यालयों में एकरूपता बनाए रखना अनिवार्य
मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी द्वारा इन प्रश्नों का उत्तर निम्नलिखित रूप में दिया गया:

  1. एकरूपता बनाए रखना:
    केंद्रीय विद्यालय मुख्य रूप से स्थानांतरित होने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, रक्षा व अर्धसैनिक बलों, स्वायत्त निकायों, सार्वजनिक उपक्रमों और उच्च शिक्षा संस्थानों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खोले गए हैं।
  • कक्षा I-V: हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है।
  • कक्षा VI-VIII: हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत पढ़ाई जाती है।
  • कक्षा IX-X: हिंदी/संस्कृत और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है।

इस नीति का उद्देश्य सभी केंद्रीय विद्यालयों में समानता बनाए रखना है ताकि छात्रों को उनके माता-पिता के स्थानांतरण के दौरान किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।

  1. क्षेत्रीय भाषाओं के लिए विशेष प्रावधान:
    अनुच्छेद 112 के अनुसार, यदि 15 या उससे अधिक छात्र किसी क्षेत्रीय भाषा/मातृभाषा को चुनते हैं, तो उसे पढ़ाने के लिए अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। मराठी सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी पढ़ाया जा सकता है, बशर्ते पर्याप्त मांग और छात्रों की संख्या हो।
  2. मराठी भाषा:
    महाराष्ट्र के केंद्रीय विद्यालयों में मराठी भाषा को तभी पढ़ाया जा सकता है जब छात्रों की संख्या और मांग पर्याप्त हो।

मुख्य तथ्य

श्रेणी विवरण
कक्षा I-V हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है।
कक्षा VI-VIII हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत पढ़ाई जाती है।
कक्षा IX-X हिंदी/संस्कृत और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है।
अनुच्छेद 112 का प्रावधान 15 या अधिक छात्रों की मांग पर क्षेत्रीय भाषा/मातृभाषा पढ़ाने की व्यवस्था।
मराठी भाषा पढ़ाई जाने की शर्त छात्रों की मांग और संख्या का होना अनिवार्य।
अस्थायी शिक्षक स्थानीय/क्षेत्रीय भाषाओं को पढ़ाने के लिए अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति।

निष्कर्ष

केंद्रीय विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषाओं को पढ़ाने की व्यवस्था की जा सकती है, लेकिन यह छात्रों की संख्या और मांग पर निर्भर करता है। शिक्षा नीति के तहत विद्यालयों में समानता बनाए रखने के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं को पढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रावधान भी किए गए हैं। मराठी सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाएं तभी पढ़ाई जाएंगी जब छात्रों की संख्या 15 या उससे अधिक होगी।

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