OLD Pension Scheme Good News पुरानी पेंशन योजना पर बड़ा फैसला, हजारों कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
गुजरात सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब 2005 से पहले सरकारी नौकरी में शामिल हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। इस प्रस्ताव के पारित होने से करीब 7000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा। इससे पहले केवल 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (NPS) का लाभ मिलता था, जिसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती। अब OPS के लागू होने से कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी राहत की खबर है।
कर्मचारियों के लिए क्यों खास है पुरानी पेंशन योजना?
पुरानी पेंशन योजना की बहाली से सरकारी कर्मचारी बेहद खुश हैं। यह योजना उनकी आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करती है। NPS, जो कि बाजार आधारित योजना है, उसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती। वहीं OPS के तहत, रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन ₹50,000 है, तो उसे रिटायरमेंट के बाद ₹25,000 मासिक पेंशन के रूप में मिलेगी। यह योजना रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की जिंदगी को सुरक्षित और सुखद बनाती है।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए सरकारी आदेश जारी
गुजरात सरकार के वित्त विभाग ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के तहत, 1 अप्रैल 2005 से पहले नौकरी में शामिल हुए सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि नई पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों पर यह लागू नहीं होगा। 60,000 से अधिक सरकारी कर्मचारी इस फैसले से लाभान्वित होंगे। यह निर्णय सरकार और कर्मचारियों के बीच लंबे समय से चल रही बातचीत का नतीजा है।
सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की लगातार हो रही मांग
पुरानी पेंशन योजना को लेकर कर्मचारी लंबे समय से सरकार से इसे बहाल करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने नई पेंशन योजना को यूनिफाइड पेंशन योजना का रूप दे दिया है, जिसमें भी कुछ लाभ मिलते हैं। लेकिन अधिकांश कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर जोर दे रहे हैं। दिसंबर में इस विषय पर एक बड़ी बैठक आयोजित होने वाली है, जहां सरकारी कर्मचारी आगे की रणनीति तय करेंगे।
यूनिफाइड पेंशन योजना के तहत:
- 10 साल की सेवा के बाद कर्मचारियों को ₹10,000 मासिक पेंशन मिलेगी।
- 25 साल की सेवा के बाद अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
पुरानी पेंशन योजना की खास बातें
पुरानी पेंशन योजना को समझना बेहद जरूरी है। यह योजना रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को नियमित आय का भरोसा देती है।
- क्या है यह योजना?
इस योजना के तहत कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलता है।
उदाहरण: यदि किसी कर्मचारी का अंतिम वेतन ₹50,000 है, तो उसे ₹25,000 प्रति माह पेंशन मिलेगी। - गारंटी और स्थिरता:
यह योजना पेंशन के रूप में सुनिश्चित और स्थिर राशि प्रदान करती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों का जीवन आरामदायक बना रहता है। - NPS से बेहतर क्यों?
नई पेंशन योजना बाजार आधारित है, जिसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है। इसके विपरीत, पुरानी पेंशन योजना स्थिर और भरोसेमंद है, जो कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
पुरानी पेंशन बहाली का प्रभाव
इस फैसले से गुजरात के हजारों सरकारी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो गया है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली से न केवल कर्मचारियों की वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी, बल्कि इससे उनके परिवारों को भी राहत मिलेगी। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए एक बड़ी जीत है, जो लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे थे।
सरकार का यह निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा, जहां कर्मचारी इसी तरह की मांग कर रहे हैं।
नई पेंशन योजना और यूनिफाइड पेंशन योजना का जिक्र
गुजरात सरकार ने नई पेंशन योजना (NPS) को यूनिफाइड पेंशन योजना का रूप दे दिया है। हालांकि, कर्मचारी अभी भी OPS को अधिक उपयुक्त मानते हैं। यूनिफाइड पेंशन योजना के तहत:
- 10 साल की सेवा के बाद ₹10,000 मासिक पेंशन मिलती है।
- 25 साल की सेवा के बाद अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता है।
लेकिन OPS की स्थिरता और गारंटी इसे NPS से बेहतर बनाती है। कर्मचारी दिसंबर में इस मुद्दे पर बड़ी बैठक आयोजित कर आगे की रणनीति बनाएंगे।
कर्मचारियों के लिए यह फैसला क्यों खास है?
इस फैसले से गुजरात के हजारों कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो गया है। पुरानी पेंशन योजना बहाल होने से:
- कर्मचारी आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे।
- उनका रिटायरमेंट के बाद का जीवन अधिक सुविधाजनक होगा।
यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण है, जहां सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे हैं।
गुजरात सरकार का यह कदम कर्मचारियों के हित में एक बड़ा निर्णय है, जो उनकी वर्षों की मांग का समाधान करता है।